बेशर्म मोहब्बत के अब भी कुछ जख्म मिटाना बाकी है
कुछ दर्द भुला चुका हूं मैं कुछ और मिटाना बाकी हैं।
कतरा कतरा यादों का रग रग से मिटाना बाकी हैं
सांसों से उसकी खुशबू का कुछ अंश मिटाना बाकी हैं।
पा चुका हूं चैन अभी फिर भी बेचैनी मिटाना बाकी हैं
नज़रों से उस मृगनयनी की तस्वीर मिटाना बाकी हैं।
दिल के दरिया से जुनून - ए - इश्क अब भी मिटाना बाकी हैं
इश्क की गहराई को इस दिल से मिटाना बाकी हैं।
गुरूर मिटा थोड़ा है कुछ गुरूर मिटाना बाकी हैं
नूर हुआ है कुछ तो कम कुछ नूर मिटाना बाकी हैं।
-- आनंद सगवालिया
कुछ दर्द भुला चुका हूं मैं कुछ और मिटाना बाकी हैं।
कतरा कतरा यादों का रग रग से मिटाना बाकी हैं
सांसों से उसकी खुशबू का कुछ अंश मिटाना बाकी हैं।
पा चुका हूं चैन अभी फिर भी बेचैनी मिटाना बाकी हैं
नज़रों से उस मृगनयनी की तस्वीर मिटाना बाकी हैं।
दिल के दरिया से जुनून - ए - इश्क अब भी मिटाना बाकी हैं
इश्क की गहराई को इस दिल से मिटाना बाकी हैं।
गुरूर मिटा थोड़ा है कुछ गुरूर मिटाना बाकी हैं
नूर हुआ है कुछ तो कम कुछ नूर मिटाना बाकी हैं।
-- आनंद सगवालिया
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