Saturday 23 February 2019

उठो पार्थ संघर्ष करों
गांडीव उठाओ प्रहार करो
धर्म का पालन करने
दुश्मन का संहार करों

कब तक धर्म सहे यह हानी
कब तक अंतर्मन में हो ग्लानि
जब तक प्राण बचे दुश्मन के
तब तक तुम न विश्राम करों

रणभेरी पुकार रही हैं
प्रत्यंचा तुम तैयार करो
रक्तपात को आतुर बैठे
कौरवों के तुम प्राण हरो

भय मृत्यु का छोड़कर
मोह के नाते तोड़कर
अधर्म का विनाश करने
कुरुक्षेत्र में नरसंहार करों

उठो पार्थ संघर्ष करों
गांडीव उठाओ प्रहार करो
धर्म का पालन करने
दुश्मन का संहार करों

-- आनंद सगवालिया

Thursday 14 February 2019

निंदा नहीं चाहिए हमको
निंदा नहीं चाहिए
बस एक काम आपसे
अब हमें कोई आतंकी, जिंदा नहीं चाहिए

बहुत सह लिया दुश्मन का वार
बहुत हो लिए हम मक्कार
बस एक बार होकर निडर
कर दो कायर दुश्मन पर प्रहार

कितना लहू देखे अपनों का
ऐसे बनेगा भारत सपनों का?
बस एक बार खुद जलकर
कर दो संहार नापाक जुल्मों का

कितनी मौते कितने बलिदान
कितना रोज जले शमशान
बस एक बार कर दो समाधान
हटा दो वीर जवानों के व्यवधान

मैने अपने बहुत गवाएं
मैने आंसू बहुत बहाए
बस एक बार मौका तुम देदो
साफ करो यह आतंकिस्तान

पुलवामा में शहीद हुए हमारे वीरो को श्रद्धांजली
-- आनंद सगवालिया

Monday 11 February 2019

कैसे मेरी रूह आराम करें
एक ख्वाब मुझे परेशान करें
पाने को सबकुछ बाकी हैं
कैसे खुद पर अभिमान करें

चपलता मन की हैरान करें
अंगड़ाई तन की मदपान करें
हसरतें बनी कब साथी हैं
कैसे खुद का गुणगान करें

दिल की दुर्दशा अंजाम करें
दिमाग चुकता नुकसान करें
चाहने को कितना कुछ छूटा हैं
चाहत का कैसे बखान करें

भोगी काया को शांत करें
आदतें प्रसन्न नितांत करें
सुख कितना मेरा लूटा हैं
कैसे सुख का अनुसंधान करें

-- आनंद सगवालिया