Monday, 11 February 2019

कैसे मेरी रूह आराम करें
एक ख्वाब मुझे परेशान करें
पाने को सबकुछ बाकी हैं
कैसे खुद पर अभिमान करें

चपलता मन की हैरान करें
अंगड़ाई तन की मदपान करें
हसरतें बनी कब साथी हैं
कैसे खुद का गुणगान करें

दिल की दुर्दशा अंजाम करें
दिमाग चुकता नुकसान करें
चाहने को कितना कुछ छूटा हैं
चाहत का कैसे बखान करें

भोगी काया को शांत करें
आदतें प्रसन्न नितांत करें
सुख कितना मेरा लूटा हैं
कैसे सुख का अनुसंधान करें

-- आनंद सगवालिया

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