उठो पार्थ संघर्ष करों
गांडीव उठाओ प्रहार करो
धर्म का पालन करने
दुश्मन का संहार करों
कब तक धर्म सहे यह हानी
कब तक अंतर्मन में हो ग्लानि
जब तक प्राण बचे दुश्मन के
तब तक तुम न विश्राम करों
रणभेरी पुकार रही हैं
प्रत्यंचा तुम तैयार करो
रक्तपात को आतुर बैठे
कौरवों के तुम प्राण हरो
भय मृत्यु का छोड़कर
मोह के नाते तोड़कर
अधर्म का विनाश करने
कुरुक्षेत्र में नरसंहार करों
उठो पार्थ संघर्ष करों
गांडीव उठाओ प्रहार करो
धर्म का पालन करने
दुश्मन का संहार करों
-- आनंद सगवालिया
गांडीव उठाओ प्रहार करो
धर्म का पालन करने
दुश्मन का संहार करों
कब तक धर्म सहे यह हानी
कब तक अंतर्मन में हो ग्लानि
जब तक प्राण बचे दुश्मन के
तब तक तुम न विश्राम करों
रणभेरी पुकार रही हैं
प्रत्यंचा तुम तैयार करो
रक्तपात को आतुर बैठे
कौरवों के तुम प्राण हरो
भय मृत्यु का छोड़कर
मोह के नाते तोड़कर
अधर्म का विनाश करने
कुरुक्षेत्र में नरसंहार करों
उठो पार्थ संघर्ष करों
गांडीव उठाओ प्रहार करो
धर्म का पालन करने
दुश्मन का संहार करों
-- आनंद सगवालिया
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