मै हु भाग्यशाली भारत मेरा भाग्य विधाता
चरणों मे शीश नमन हैं तेरे मेरी प्यारी भारत माता
अमृत का घूँट यहा है नभ पावन जल बरसाता
माँ गंगा की गौद में पुण्य पावन मन हो जाता
हिन्दू मुस्लिम रहते यहां यु जैसे रहते हो दो भ्राता
ये वो भी हैं जिसपर कोई न लांछन आ पाता
भारत माँ की गौद में स्थिरता मन स्वतः पा जाता
प्रकृति की सुंदरता से यहा तन आनंदित हो जाता
लोकतंत्र की बेलियो से भारत का कण कण यु जुड़ जाता
कश्मीर से कन्याकुमारी तक तिरंगा मदमस्त लहराता
मै हु भाग्यशाली भारत मेरा भाग्य विधाता
चरणों मे शीश नमन हैं तेरे मेरी प्यारी भारत माता
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
----आनंद सगवालिया
चरणों मे शीश नमन हैं तेरे मेरी प्यारी भारत माता
अमृत का घूँट यहा है नभ पावन जल बरसाता
माँ गंगा की गौद में पुण्य पावन मन हो जाता
हिन्दू मुस्लिम रहते यहां यु जैसे रहते हो दो भ्राता
ये वो भी हैं जिसपर कोई न लांछन आ पाता
भारत माँ की गौद में स्थिरता मन स्वतः पा जाता
प्रकृति की सुंदरता से यहा तन आनंदित हो जाता
लोकतंत्र की बेलियो से भारत का कण कण यु जुड़ जाता
कश्मीर से कन्याकुमारी तक तिरंगा मदमस्त लहराता
मै हु भाग्यशाली भारत मेरा भाग्य विधाता
चरणों मे शीश नमन हैं तेरे मेरी प्यारी भारत माता
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
----आनंद सगवालिया