Monday, 12 February 2018

तू आजा न हाँ आजा न हो माहिया तू आजा न
हाँ संग तेरे मुझे लेजा हो माहिया
तू आजा न हाँ आजा न हो माहिया तू आजा न
किया क्या हमने ऐसा गुनाह जो वक्त दे रहा हैं यूँ हमको सजा
हो आजा न हाँ तू आजा
तू आजा न हाँ आजा न हो माहिया तू आजा न
सितम ये केसा हैं तू बता मुझे
प्रीत के बदले बोल क्या दू तुझे
रोता देख मुझे तुझको, क्यों आता हैं हाँ मजा
तू आजा न हाँ आजा न हो माहिया तू आजा न
आँखों की नमी मेरी दिखाती न मेरा गम हैं
एक रात तो क्या रोने को ये जिंदगी भी कम हैं
आज मुझे तू भी तो बता क्या तेरी हैं रजा
हो आजा न हाँ तू आजा
तू आजा न हाँ आजा न हो माहिया तू आजा न
तू आजा न हाँ आजा न हो माहिया तू आजा न
हाँ संग तेरे मुझे लेजा हो माहिया
तू आजा न हाँ आजा न हो माहिया तू आजा न
----आनंद सगवालिया

Sunday, 11 February 2018

हुस्ने वफ़ा ने देखा जो यूँ इतनी इनायत से
दिल को चैन आया हैं इस इबारत से
मदहोश फिजा की आपत्तियां तो देखो
जालिम हवा ने भी हलकी सी शरारत की हैं
परेशां दिल की धड़कनें चिल्ला उठी यूँ
रग-रग ने आज हमसे मुखाफलत की हैं
कोई कह दे की चाहत हैं उनको भी
नासूर इश्क ने जिंदगी से रुखसत की हैं
दिल ने आज देह से अलग होने की जरूरत की ऐसे
शाखों से टूटकर पत्ते गिरे हो जैसे
यूँ बेचेनी सी हो रही हैं दिलोदिमाग में
मै भूल गया हु सब इश्क़ ए शबाब में
नजरें जो बे-हया सी थी आजतक मेरी
शर्मा गई न जाने क्यों इश्क के रुआब में

----आनंद सगवालिया

Wrote after seeing video of PRIYA PRAKASH WARRIER From Movie ORU ADAAR LOVE

Monday, 5 February 2018

पूछा मेने आज सखा से मिला मुझे जो मदिरालय
क्या मिला मद में हो चूर तुझे बता मुझे ओ मतवाले
बोला वो पूछ मत सुख मुझसे तू प्यारे मदपान का
लेकर खुद ही देख सखा क्या मजा है इस रसपान का
मैं बोला मुझे आनंद आता हैं जाकर शिवालय में
मेरा रंग नही जमेगा जाकर किसी मदिरालय में
वो बोला भंग से रंग जमा आकर एक दिन मदिरालय में
भूल जाएगा जो सुख मिला तुझे प्यारे शिवालय में
मैं बोला भक्ति में रस हैं वो हैं कहा मधुपान में
मधुरस से कोई नही झुकेगा यार मेरे सम्मान में
वो बोला भक्ति में चूर हो आज इस रस की मधुपान में
झुक जाएगा शीश तेरा एक प्याले के सम्मान में
मैने एक घूँट पिया कहने से उसके फिर मधुपान का
तब जाके मुझे भान हुआ सुधा अमृत रसपान का
पूछा मेने आज सखा से मिला मुझे जो मदिरालय
क्या मिला मद में हो चूर तुझे बता मुझे ओ मतवाले
बोला वो पूछ मत सुख मुझसे तू प्यारे मदपान का
लेकर खुद ही देख सखा क्या मजा है इस रसपान का

----आनंद सगवालिया