Saturday, 29 June 2019

समाचार की धूमिल होती मर्यादा तड़पाती हैं
टीआरपी के खेल पर सबकी सुई अटक जाती हैं
कोई सत्ता प्रेमी हुआ कोई विपक्षी लार टपकाता हैं
लालच में अपने देखो ये जनता को भड़कता हैं
बार बार दिखा झूठ को सच ये अब बनवाता हैं
सच्ची झूठी मगर आकर्षक खबरे बस चलाता हैं
किसानों की पीड़ा देखने न कोई जंतर मंतर जाता हैं
नेताओं के पीछे पीछे कैलाश केदारनाथ दौड़ लगाता है
रोजगार की हालत सच्ची अब ना ये बतलाता हैं
विज्ञापन दिखला दिखला कर अब ये दुकान चलाता हैं
मुद्दों को पीछे धकेल नेता को तरजीह दी जाती हैं
लगता हैं इनकी झोली अब ऊपर से भर दी जाती हैं
खबरे कम आडंबर ज्यादा यही इनका खेल है
मूर्ख निकम्मी जनता के संग इनका तगड़ा मेल है
कड़वी सच्चाई के घूंट अब ये न हमें पिलाते हैं
फेक फेक लंबी लंबी ये हमको बहुत झिलाते हैं
जब जब ऐसे लोभी जन पत्रकार बन जाते हैं
सत्ता से ज्यादा लोकतंत्र को ये नुकसान पहुंचाते हैं
भारत को विश्व गुरु अगर हमको बनाना हैं
सबसे पहले सच की अलख जन जन में जगाना हैं
जब सच पहुंचेगा घर घर को तब ही उजियारा आएगा
वरना क्या मोदी क्या राहुल कोई कुछ न कर पाएगा

जय हिन्द जय भारत
-- आनंद सगवालिया

No comments:

Post a Comment