Saturday, 31 August 2019

मैं सागर हूं
लहरों के नीचे पलता हूं
कभी धीमे कभी तेज
हरदम पर मैं चलता हूं

मैं सागर हूं
दूजो की खातिर जलता हूं
कभी भूकंप कभी सुनामी
हरदम पर मैं संभलता हूं

मैं सागर हूं
जीवन को लेकर चलता हूं
कभी ठहर कभी लहर
हरदम पर मैं मचलता हूं

मैं सागर हूं

--- आनंद सगवालिया

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